अब तो खबरों से बेखबर होने को जी करता है कभी-कभी जनसंचार में आई क्रांति से भी डर लगता है अब तो खबरों से बेखबर होने को जी करता है कभी-कभी जनसंचार में आई क्रांति से भी डर...
रोली - चंदन - अक्षत - बंधन भाई का करने अभिनंदन। रोली - चंदन - अक्षत - बंधन भाई का करने अभिनंदन।
वसंत ऋतु मौसम आशिकाना प्रेमी-प्रेमिका। वसंत ऋतु मौसम आशिकाना प्रेमी-प्रेमिका।
दोस्तों के साथ खेलना, फिर घर से भाग जाना, खिलौना के लिए झगड़ना, दोस्तों के साथ खेलना, फिर घर से भाग जाना, खिलौना के लिए झगड़ना,
क्या होता है साँसों का मचलना तेरी कमी ने ये एहसास कराया है क्या होता है साँसों का मचलना तेरी कमी ने ये एहसास कराया है
उसका गीत गाके महफिल सजा लेती हूं ये कविता लिख कर पा लिया करती हूँ उसे उसका गीत गाके महफिल सजा लेती हूं ये कविता लिख कर पा लिया करती हूँ उसे